आदिकाल की लौकिक धारा के कवि और उनकी रचनाएँ

सिद्धों, नाथों एवं जैन कवियों के धार्मिक साहित्य से भिन्न अपभ्रंश साहित्य में एक धारा लौकिक साहित्य की भी है । इस धारा के कवियों में अब्दुर्रहमान और विद्यापति प्रमुख हैं । तो वहीं अमीर खुसरो ने पहेलियों, मुकरियों तथा दो-सखुनों की रचना की है, जिनमें कौतूहल तथा विनोद की दृष्टि होती है । लौकिक धारा के कवियों की प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं :-

  1. अब्दुर्रहमान : संदेश रासक
  2. विद्यापति : कीर्तिलता, कीर्तिपताका
  3. कुशल लाभ : ढ़ोला मारु रा दूहा
  4. अमीर खुसरो : किस्सा चाहा दरवेश, खालिक बारी,
  5. दलपत विजय : खुमान रासो
  6. नरपति नाल्ह : बीसलदेव रासो
  7. शार्गंधर : हम्मीर रासो
  8. नल्ह सिंह भट्ट : विजयपाल रासो
  9. चंदबरदाई : पृथ्वी राज रासो
  10. जगनिक : परमाल रासो

टिप्पणियाँ

  1. बहुत-बहुत धन्यवाद, इतनी सारी जानकारी देने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  2. दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बहुत आभार
    जानकारी के लिए

    जवाब देंहटाएं
  4. गलत इंफॉर्मेशन क्यों देते हो
    इसमें बहुत रचनाएं रासो साहित्य की हैं

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

आपकी टिप्पणी का इंतजार है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

प्रयोगवाद के कवि और उनकी रचनाएं

आदिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ

छायावाद की प्रवृत्तियां